*** छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक स्थल ****
पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थल निम्न है :-
* मैनपाट -
यह सरगुजा जिला मुख्यालय से 75 किमी. दूर पूर्वोत्तर में स्थित पठार है। यह ऊंचाई वाली पहाड़ियो पर स्थित है, जिसे तिब्बती शरणार्थियों द्वारा बनाया गया है। इसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है। यहां ऊन एवं चमड़े का सामान मिलता है।
* गंगरेल -
यह धमतरी से आगे जगदलपुर मार्ग पर बाई ओर मुख्य मार्ग से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। रायपुर से इसकी दूरी 92 किमी. है।
* तांदुला -
यह दुर्ग जिले के मुख्यालय से बालोद होते हुए 64 किमी. की दूरी पर स्थित है। तांदुला नदी पर बनाया हुआ बांध सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य लिए हुए है।
* खरखरा -
यह राजनांदगांव जिले में स्थित है। यहां 1 ,129 मी. लम्बा बांध खरखरा नदी पर बनाया गया है यह जलाशय के लिए जाना जाता है। यह पिकनिक के लिए सुंदर स्थान है। यह दुर्ग से 25 किमी. की दूरी पर स्थित है।
* खूंटाघाट -
यह बिलासपुर से पाली के पश्चात अंबिकापुर मार्ग पर बिलासपुर से 3 . 15 किमी. की दूरी पर है। यहां पर पानी का वृहद संकलन , आकर्षक सौंदर्य तथा सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित विश्राम गृह आदि है।
* तीरथगढ़ -
यह जगदलपुर से 39 किमी. की दूरी पर स्थित छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा जलप्रपात है। यहां का सुंदर , मनोरम ,प्राकृतिक व शांत वातावरण , घने वनो से आच्छादित रोमांचक स्थल , शहर के कोलाहल से दूर असीम शांति प्रदान करता है।
* चित्रकूट -
यह छत्तीसगढ़ का सबसे चौड़ा एवं सर्वाधिक जलमात्रा वाला जलप्रपात है। यह बस्तर जिले में स्थित है। जगदलपुर से 38 . 4 किमी. दूरी पर इंद्रावती नदी पर 29 मी. की ऊंचाई से गिरने वाली अपार जलराशि का यह प्रपात दर्शको को आकर्षित करता है।
* अमृतधारा -
यह सरगुजा जिले के मनेन्द्रगढ़ से 10 किमी. की दूरी पर एक सुंदर झरना है। यह अमृतधारा के नाम से जाना जाता है।
* पंचवटी -
कांकेर से केशकाल आने पर जहां केशकाल घाट समाप्त होता है , वहां पश्चिम में पंचवटी नामक मनोरम स्थल का विकास राज्य का वन विभाग कर रहा है। घाटी के दृश्य को देखने के लिए 40 -50 फ़ीट ऊँचा वाँच टावर बनाया गया है। इस स्थान पर एक डाक बंगला भी है।
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